न्यूयॉर्क/नई दिल्ली12 मिनट पहले
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फोर्ब्स रियल टाइम बिलियनेयर्स लिस्ट के मुताबिक 62 साल के गौतम अडाणी की संपत्ति 56.8 बिलियन डॉलर (4.79 लाख करोड़ रुपए) है।
अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी और उनके भतीजे सागर अडाणी को अमेरिकी सिक्योरिटीज एंड कमीशन (SEC) ने शनिवार को समन भेजा है। अमेरिकी SEC ने अडाणी को उन पर लगे रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के आरोपों पर अपना रूख स्पष्ट करने के लिए तलब किया है।
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, अडाणी के अहमदाबाद स्थित शांतिवन फार्म हाउस और उनके भतीजे सागर के उसी शहर में बोदकदेव रेजीडेंसी पर 21 दिन के अंदर SEC को जवाब देने के लिए समन भेजा है।
न्यूयॉर्क ईस्टर्न डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के माध्यम से भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि ‘इस समन की तामील के 21 दिनों के अंदर (जिस दिन आपको यह समन मिला, उसे छोड़कर) आपको वादी (SEC) को अटैच्ड शिकायत का जवाब देना होगा या फेडरल रूल्स ऑफ सिविल प्रोसीजर के नियम 12 के तहत एक मोशन सर्व करना होगा।
अगर जवाब देने में विफल रहते हैं, तो शिकायत में मांगी गई राहत के लिए अडाणी के खिलाफ फैसला लिया जाएगा। जवाब अदालत में दाखिल करना होगा।
अडाणी ग्रीन एनर्जी गुजरात के खावड़ा में एक ही जगह पर 30 हजार मेगावाट क्षमता का सोलर प्लांट लगा रही है।
गौतम अडाणी समेत 8 लोगों पर अरबों रुपए की धोखाधड़ी का आरोप दरअसल, 21 नवंबर को अमेरिका में उद्योगपति गौतम अडाणी समेत 8 लोगों पर अरबों रुपए की धोखाधड़ी के आरोप लगे हैं। यूनाइटेड स्टेट्स अटॉर्नी ऑफिस का कहना है कि अडाणी ने भारत में सोलर एनर्जी से जुड़ा कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को 265 मिलियन डॉलर (करीब 2200 करोड़ रुपए) की रिश्वत दी या देने की योजना बना रहे थे।
यह पूरा मामला अडाणी ग्रुप की कंपनी अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड और एक अन्य फर्म से जुड़ा हुआ है। 24 अक्टूबर 2024 को न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट में यह केस दर्ज हुआ था। बुधवार को इसकी सुनवाई में गौतम अडाणी, उनके भतीजे सागर अडाणी, विनीत एस जैन, रंजीत गुप्ता, साइरिल कैबेनिस, सौरभ अग्रवाल, दीपक मल्होत्रा और रूपेश अग्रवाल को आरोपी बनाया गया है।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, गौतम अडाणी और सागर के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया गया है। सागर अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के अधिकारी हैं।
अमेरिकी निवेशकों का पैसा, इसलिए वहां केस अडाणी पर आरोप है कि रिश्वत के इन पैसों को जुटाने के लिए उन्होंने अमेरिकी निवेशकों और बैंकों से झूठ बोला। अमेरिका में मामला इसलिए दर्ज हुआ, क्योंकि प्रोजेक्ट में अमेरिका के इन्वेस्टर्स का पैसा लगा था और अमेरिकी कानून के तहत उस पैसे को रिश्वत के रूप में देना अपराध है।
मामला ऐसे समझें: आंध्र के अफसरों को केंद्र की कंपनी से बिजली खरीदने के लिए 1,750 करोड़ रु. घूस दी
- अमेरिकी प्रॉसिक्यूटर के अनुसार, अडाणी की कंपनी को हाल ही में केंद्र की कंपनी सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) से 12 गीगावॉट (12 हजार मेगावॉट) सौर ऊर्जा देने का कॉन्ट्रैक्ट मिला है। लेकिन, SECI को सौर ऊर्जा खरीदने के लिए भारत में खरीदार नहीं मिल पा रहे थे। खरीदारों के बिना ये डील मुमकिन ही नहीं थी।
- ऐसे में अडाणी ग्रीन एनर्जी और एज्योर पावर ने सरकारी अफसरों को रिश्वत दी। 2021 में अडाणी आंध्र के तत्कालीन सीएम (जगनमोहन रेड्डी) से मिले और वहां की राज्य सरकार 7 हजार मेगावाट बिजली खरीदने के लिए राजी हो गई। आंध्र के अफसरों को प्रति मेगावॉट 25 लाख रु. यानी कुल 20 करोड़ डॉलर (1750 करोड़ रु.) घूस दी गई। ओडिशा ने इसी तरह 500 मेगावॉट बिजली खरीदी।
- इसके बाद जुलाई 2021 से दिसंबर 2021 के बीच SECI ने आंध्र प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु से बिजली खरीदने के समझौते किए।
- घूस के पैसे देने के लिए दोनों कंपनियों ने कथित तौर पर अमेरिकी बैंकों और निवेशकों से 17.5 करोड़ डॉलर (1478 करोड़ रु.) जुटाए। अपनी भूमिका छिपाने के लिए कोड इस्तेमाल किया। अडाणी का कोड नेम ‘न्यूमेरो यूनो’ या ‘द बिग मैन’ था। डील एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग से की गई।
- अडाणी पर आरोप है कि रिश्वत के इन पैसों को जुटाने के लिए उन्होंने अमेरिकी निवेशकों और बैंकों से झूठ बोला। अमेरिका में मामला इसलिए दर्ज हुआ, क्योंकि प्रोजेक्ट में अमेरिका के इन्वेस्टर्स का पैसा लगा था और अमेरिकी कानून के तहत उस पैसे को रिश्वत के रूप में देना अपराध है।
सभी आरोपों को आधारहीन बता चुका है अडाणी ग्रुप अडाणी ग्रुप सभी आरोपों को आधारहीन बता चुका है। 21 नवंबर को बयान जारी करते हुए ग्रुप ने कहा था- ‘अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के डायरेक्टर्स के खिलाफ यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस और यूनाइटेड स्टेट्स सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन की ओर से लगाए गए आरोप निराधार हैं। हम उनका खंडन करते हैं।
अमेरिकी न्याय विभाग ने खुद ही कहा कि अभी ये सिर्फ आरोप हैं। आरोपियों को तब तक निर्दोष माना जाता है, जब तक कि वे दोषी साबित न हो जाएं।
एनर्जी बिजनेस को मैनेज करते हैं सागर अडाणी
गौतम अडाणी के भतीजे, सागर ने ब्राउन यूनिवर्सिटी US से इकोनॉमिक्स की डिग्री ली है। सागर 2015 में अडाणी ग्रुप में शामिल हुए। सागर, ग्रुप के एनर्जी बिजनेस और फाइनेंस को मैनेज करते हैं। वह रिन्यूएबल एनर्जी बिजनेस में फोकस करते हैं और 2030 तक कंपनी को दुनिया का सबसे बड़ा रिन्यूएबल एनर्जी प्रोड्यूसर बनाने की योजना बना रहे हैं।
अडाणी ग्रीन एनर्जी के पास 20 गीगावाट से ज्यादा का क्लीन एनर्जी पोर्टफोलियो
अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के पास 20 गीगावाट से ज्यादा का क्लीन एनर्जी पोर्टफोलियो है, जिसमें देश के दक्षिणी राज्य तमिलनाडु में दुनिया के सबसे बड़े सौर ऊर्जा संयंत्रों में से एक शामिल है। अडाणी ग्रुप ने 2030 तक इस सेक्टर में देश की सबसे बड़ी कंपनी बनने का लक्ष्य रखा है। कंपनी का मार्केट कैप 1.85 लाख करोड़ रुपए है।
गौतम अडाणी से जुड़े विवाद…
पहला विवाद: हिंडनबर्ग रिसर्च ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगाए : जनवरी 2023 की है। गौतम अडाणी की फ्लैगशिप कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज ने 20,000 करोड़ का फॉलोऑन पब्लिक ऑफर लाने की घोषणा की। 27 जनवरी 2023 को इस ऑफर को खुलना था, लेकिन उससे ठीक पहले 24 जनवरी 2023 को हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें अडाणी ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर शेयर मैनिपुलेशन जैसे आरोप लगाए गए।
25 जनवरी तक ग्रुप के शेयरों मार्केट वैल्यू करीब 12 बिलियन डॉलर (करीब 1 लाख करोड़ रुपए) कम हो गई। हालांकि, अडाणी ने किसी भी गलत काम के आरोपों से इनकार किया। ऐसे में अडाणी ग्रुप ने अपना 20,000 करोड़ का फॉलोऑन पब्लिक ऑफर भी कैंसिल कर दिया। केस की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 6 सदस्यीय कमेटी बनाई और सेबी ने भी मामले की जांच की।
कोर्ट के फैसले के बाद अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी ने कहा था, ‘कोर्ट के फैसले से पता चलता है कि सत्य की जीत हुई है। सत्यमेव जयते। मैं उन लोगों का आभारी हूं जो हमारे साथ खड़े रहे। भारत की ग्रोथ स्टोरी में हमारा योगदान जारी रहेगा। जय हिन्द।’
दूसरा विवाद: लो-ग्रेड कोयले को हाई-ग्रेड में बेचने का आरोप : एक महीने पहले फाइनेंशियल टाइम्स ने ऑर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया था कि जनवरी 2014 में अडाणी ग्रुप ने एक इंडोनेशियाई कंपनी से 28 डॉलर ( करीब 2360 रुपए) प्रति टन की कथित कीमत पर ‘लो-ग्रेड’ कोयला खरीदा था।
रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि इस शिपमेंट को तमिलनाडु जेनरेशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी (TANGEDCO) को उच्च गुणवत्ता वाले कोयले के रूप में 91.91 डॉलर (करीब 7750 रुपए) प्रति टन की औसत कीमत पर बेच दिया गया था।
अडाणी ग्रुप पर पहले कोल इम्पोर्ट बिल में हेराफेरी के आरोप लगे थे…
- फाइनेंशियल टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में आरोप लगाया कि अडाणी ग्रुप ने इंडोनेशिया से कम रेट में कोयले को इम्पोर्ट किया और बिल में हेराफेरी करके ज्यादा दाम दिखाए। इसी के चलते ग्रुप ने कोयले से जनरेट होने वाली बिजली ग्राहकों को ज्यादा कीमत पर बेची।
- फाइनेंशियल टाइम्स ने 2019 से 2021 के बीच 32 महीनों में अडाणी ग्रुप के इंडोनेशिया से भारत इम्पोर्ट 30 कोयले के शिपमेंट की जांच की। इन सभी शिपमेंट के इम्पोर्ट रिकॉर्ड में एक्सपोर्ट डिक्लेरेशन की तुलना में कीमतें ज्यादा मिलीं। रकम करीब ₹582 करोड़ बढ़ाई गई।
गौतम अडाणी से जुड़े कुछ दिलचस्प फैक्ट और उनका सफर…
डायमंड इंडस्ट्री में आजमाई किस्मत : 24 जून 1962 को जन्मे कॉलेज ड्रॉपआउट गौतम अडाणी गुजरात से हैं। 1980 के दशक की शुरुआत में मुंबई की डायमंड इंडस्ट्री में अपनी किस्मत आजमाई थी। इसके बाद 1988 में एक छोटी एग्री ट्रेडिंग फर्म के साथ अडाणी ग्रुप की शुरुआत की।
ये अब एक ऐसे ग्रुप में बदल गया है, जो कोल ट्रेडिंग, माइनिंग, लॉजिस्टिक्स, पावर जेनरेशन और डिस्ट्रीब्यूशन तक फैला हुआ है। अडाणी ग्रुप ग्रीन एनर्जी, एयरपोर्ट्स, डेटा सेंटर्स और सीमेंट इंडस्ट्री में भी है। गौतम अडाणी ने अपने ग्रुप को दुनिया का सबसे बड़ा रिन्यूएबल एनर्जी प्रोड्यूसर बनाने के लिए 2030 तक 70 अरब डॉलर (590848 करोड़ रुपए) का निवेश करने का कमिटमेंट किया है।
1996 में बनाया अडाणी फाउंडेशन : गौतम अडाणी की पत्नी प्रीति की अगुआई में 1996 में अडाणी फाउंडेशन की स्थापना हुई थी। अडाणी फाउंडेशन भारत के ग्रामीण इलाकों में काम कर रहा है। वर्तमान में फाउंडेशन देश के 18 राज्यों में सालाना 34 लाख लोगों की जिंदगी बेहतर करने में मदद कर रहा है। प्रीति पेशे से डॉक्टर हैं, उन्होंने डेंटल सर्जरी (BDS) में ग्रेजुएशन किया है।
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गौतम अडाणी से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें…
अडाणी ग्रुप पर अमेरिका में केस:अब यह सेबी के भी रडार पर, जानकारी छुपाने को लेकर जवाब मांगा; नियमों के उल्लंघन की भी जांच
रिश्वत देने के आरोप में अमेरिकी कोर्ट में केस दर्ज हाेने के बाद भारत में अडाणी समूह की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सेबी जांच कर रहा है कि क्या समूह ने बाजार को प्रभावित करने वाली जानकारी का खुलासा करने के नियमों का उल्लंघन किया है?
इस बीच, सेबी ने समूह से स्पष्टीकरण भी मांगा है। सेबी ने केन्या में एयरपोर्ट विस्तार की डील रद्द किए जाने और अमेरिका में केस को लेकर जवाब मांगा है। हालांकि, समूह ने अभी जवाब नहीं दिया है। पढ़ें पूरी खबर…
अडाणी की कंपनियों पर 2.41 लाख करोड़ रुपए का लोन: इनके पास 59791 करोड़ रुपए कैश, 30 महीनों तक कर्ज भुगतान के लिए काफी
एक बड़े कांट्रैक्ट के लिए कथित तौर पर रिश्वत देने के आरोपों से घिरे अडाणी ग्रुप पर 2.41 लाख करोड़ रुपए का कर्ज है। इसमें 55% हिस्सेदारी अंतरराष्ट्रीय पूंजी बाजार (विदेशी बॉन्ड) और ग्लोबल बैंकों का है। 33% हिस्सेदारी घरेलू वित्तीय संस्थाएं, NBFC और सरकारी बैंकों की है।
शुक्रवार तक की स्थिति के हिसाब से अडाणी ग्रुप की सभी 10 लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 11.94 लाख करोड़ रुपए है। इसका मतलब है कि कंपनी पर कुल संपत्ति का 20.10% कर्ज है। कुल कर्ज में सरकारी बैंकों का बकाया लोन 15% है। पढ़ें पूरी खबर…
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