तेल अवीवकुछ ही क्षण पहले
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गाजा में इजराइली सैन्य ठिकानों का दौरा करते बेंजामिन नेतन्याहू।
इजरायल-हमास जंग शुरू होने के बाद इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मंगलवार को पहली बार अचानक गाजा पहुंचे। उन्होंने वहां इजराइली सैन्य ठिकानों का दौरा किया। रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज भी उनके साथ थे। इजरायली सरकार ने इस विजिट का वीडियो भी जारी किया गया। नेतन्याहू ने हमास के साथ किसी भी तरह के युद्ध विराम के प्रयासों को सिरे से नकार दिया।
उन्होंने कहा कि युद्ध खत्म होने के बाद हमास फिर कभी फिलिस्तीन पर हुकूमत नहीं करेगा। उन्होंने बंधकों को सौंपने वाले को 5 मिलियन डॉलर देने की भी पेशकश की है।
युद्धक जैकेट और बैलिस्टिक हेलमेट पहने नेतन्याहू ने कहा- हमास वापस नहीं आएगा। इजरायल गाजा में लापता 101 इजराइली बंधकों की तलाश जारी रखेगा। जो कोई भी हमारे बंधकों को नुकसान पहुंचाने की हिम्मत करेगा, वह अपनी मौत का खुद जिम्मेदार होगा। हम उन्हें खोजकर रहेंगे।
जिस दौरान नेतन्याहू गाजा के दौरे पर थे, उसी दौरान ब्राजील में चल रहे G20 समिट में गाजा को और ज्यादा मदद देने और युद्ध रोकने की अपील की गई।
इस महीने की शुरुआत में ही इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने योव गैलेंट को रक्षा मंत्री के पद से बर्खास्त कर दिया था। नेतन्याहू कहना था कि उनके बीच विश्वास की कमी थी, जो जंग के समय में ठीक नहीं है।
इस दौरान इजराइली PM ने गैलेंट पर देश के दुश्मनों का भी फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया। इसके बाद विदेश मंत्री इजराइल काट्ज को रक्षा मंत्री का पदभार दिया गया था।
बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि जो भी इजराइली बंधकों को वापस लेकर आएगा, वो सुरक्षित रहेगा।
गाजा में इजराइली सैन्य ठिकानों पर सैनिकों के साथ मीटिंग करते बेंजामिन नेतन्याहू
इजराइल-हमास जंग में खंडहर में तब्दील हुआ गाजा
इजराइल और हमास के बीच एक साल से जारी जंग की वजह से गाजा खंडहर में तब्दील हो चुका है। गाजा की 60% इमारतें बर्बाद हो चुकी हैं।
इजराइल ने हमास को खत्म करने के लिए उन इलाकों को बर्बाद कर दिया जो कभी लाखों लोगों का घर हुआ करते थे। इजराइली सेना के हवाई हमलों का सबसे ज्यादा असर खान यूनिस, गाजा सिटी और जबालिया पर पड़ा है।
संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक गाजा पट्टी में जंग शुरू होने के बाद इस साल जून तक 39 मिलियन टन मलबा पैदा हुआ था। इसमें रेत, बिना फटे बम, एस्बेस्टस, खतरनाक पदार्थ और यहां तक कि लोगों के अवशेष भी शामिल हैं।
वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया था कि इन बर्बाद हो चुके घरों को फिर से पहले जैसा बनाने में 80 साल लगेंगे। हालांकि, गाजा में रहने वाले लोगों के पास न तो इतना समय बचा है और न ही उनके पास इतना पैसा है जो इसकी भरपाई कर सकें।
दूसरी तरफ फसलों और खेतों के बर्बाद होने से भुखमरी का संकट खड़ा हो गया है, जिसकी जद में लाखों लोग आ गए हैं।
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