Russia Ukraine War Vs US India; G20 Summit | Putin Biden Modi | G20 में भिड़े थे रूस-अमेरिका, साझा फोटो तक नहीं हुई: भारत में 300 बैठकें, 200 घंटे बातचीत के बाद बनी डिक्लेरेशन पर सहमति


रियो डि जनेरियो1 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक
भारत की अध्यक्षता में हुए G20 समिट के सफल समापन के बाद पीएम मोदी ने ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा को इसकी अध्यक्षता सौंपी थी। - Dainik Bhaskar

भारत की अध्यक्षता में हुए G20 समिट के सफल समापन के बाद पीएम मोदी ने ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा को इसकी अध्यक्षता सौंपी थी।

जगह – बाली, इंडोनेशिया

मौका – G20 की मीटिंग

तारीख – 16 नवंबर 2022

इस दिन इंडोनेशिया की मेजबानी में G20 समिट का आखिरी दिन था। साझा घोषणा पत्र जारी होना था, लेकिन तभी यूक्रेन जंग को लेकर अमेरिका और रूस के बीच तनातनी हो गई। 15 दौर की बातचीत के बाद भी घोषणा पत्र जारी करने पर सहमति नहीं बन पाई।

समिट का घोषणा पत्र जारी करने से पहले ही रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव चले गए। इसके बाद पश्चिमी देशों ने अपने मुताबिक बाली घोषणा पत्र जारी किया। पहली बार सभी राष्ट्र प्रमुखों का एक साथ फोटो नहीं लिया जा सका।

पिछले साल भारत के सामने भी यही चुनौती थी। लेकिन भारत ने घोषणा पत्र में सभी देशों की 100% सहमति बना ली। नई दिल्ली घोषणा पत्र में यूक्रेन पर रूसी आक्रमण का जिक्र करने से परहेज किया गया।

हालांकि ये इतना आसान नहीं था। सहमति बनाने के लिए भारतीय राजनयिकों की टीम ने 300 से ज्यादा बैठकें कीं। 200 घंटे से ज्यादा नॉन-स्टॉप बातचीत की। इसके बाद घोषणा पत्र तैयार हुआ। यह बात इसलिए भी अहम है, क्योंकि किसी भी समिट को तब सफल माना जाता है जब उसका साझा घोषणा पत्र जारी हो।

ऐसे में जानेंगे कि आखिर G20 संगठन क्या है जिसे सफल बनाने के लिए भारत ने अमेरिका और रूस जैसे कट्टर दुश्मनों को भी साध लिया…

सबसे पहले जानिए कैसे बना G20 संगठन…

2008 में आया आर्थिक संकट (फाइनेंशियल क्राइसिस) पूरी दुनिया को याद है। इससे ठीक 11 साल पहले 1997 में एशिया में भी एक आर्थिक संकट आया था। इसे एशियन फाइनेंशियल क्राइसिस के नाम से जाना जाता है। ये संकट थाईलैंड से शुरू होकर एशिया के दूसरे देशों में भी फैल गया।

मंदी की वजह से आसियान देशों पर उनकी GDP की तुलना में 167% तक का कर्ज बढ़ गया। भारी संख्या में लोग बेरोजगार हो गए। क्राइसिस के शुरुआती 6 महीनों में ही इंडोनेशिया की करेंसी की कीमत 80% और थाईलैंड की करेंसी की कीमत डॉलर की तुलना में 50% तक गिर गई।

इसका असर विकसित देशों पर न पड़े, इसके लिए G7 देशों ने एक बैठक की और एक ऐसा मंच तैयार करने का फैसला किया जहां वैश्विक अर्थव्यवस्था से जुड़े मुद्दों को डिस्कस किया जा सके। तब G20 की शुरुआत हुई। उन देशों की पहचान की गई जिनकी अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही थी, या जिनमें तेजी से बढ़ने की कैपेसिटी थी। सभी को एक मंच पर लाया गया।

2007 तक केवल सदस्य देशों के वित्त मंत्री इसकी बैठकों में शामिल होते थे। हालांकि 2007 और 2008 में पश्चिमी और धनी देशों में आई फाइनेंशियल क्राइसिस ने उन्हें मजबूर कर दिया कि वो बातचीत को राष्ट्राध्यक्षों के स्तर तक ले जाएं।

तब से हर साल सभी सदस्य देशों के नेता एक मंच पर आकर अहम मुद्दों को डिस्कस करते हैं। शुरुआत में अमेरिका ने इस बात का विरोध किया था। हालांकि समय की नजाकत को देखते हुए बाद में वो शिखर के सम्मेलन के लिए तैयार हुआ। G20 देशों का पहला शिखर सम्मेलन वॉशिंगटन डीसी में ही हुआ।

तस्वीर पहली G20 समिट की है, जो अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डीसी में हुई थी ।

तस्वीर पहली G20 समिट की है, जो अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डीसी में हुई थी ।

G20 की अब तक कुल 18 बैठकें हो चुकी हैं। ब्राजील में G20 की 19वीं बैठक हो रही है। G20 में मेंबर देशों के अलावा हर साल अध्यक्ष देश, कुछ देशों और संगठनों को मेहमान के तौर पर भी आमंत्रित करते हैं।

G20 2024 के मेहमान देश हैं- अंगोला, मिस्र, नाइजीरिया, नॉर्वे, पुर्तगाल, सिंगापुर, स्पेन और UAE

G20 का काम क्या है?

शुरुआत में G20 का फोकस अर्थव्यवस्था से जुड़े मामले पर चर्चा करना था। लेकिन समय के साथ इसका दायरा बढ़ता चला गया। अब G20 की मीटिंग में स्वास्थ्य, कृषि, ऊर्जा, पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन और भ्रष्टाचार रोकने पर भी चर्चा होती है।

G20 की अध्यक्षता कैसे तय होती है? G20 की अध्यक्षता हर साल सदस्यत देशों के बीच घूमती रहती है। इसका आयोजन कहां होना है, इसका फैसला ट्रोइका यानी कि एक तिकड़ी से तय होता है। तिकड़ी में पिछले, वर्तमान और भविष्य के अध्यक्ष देश शामिल होते हैं।

इस बार भारत, ब्राजील और इंडोनेशिया का एक ट्रोइका है। 2023 में भारत में G20 समिट का आयोजन हुआ। 2024 में ब्राजील में आयोजन हो रहा है। 2025 में दक्षिण अफ्रीका में G20 के आयोजन के साथ ही इस तिकड़ी का समापन हो जाएगा।

दक्षिण अफ्रीका में इसके आयोजन के साथ हर देश को G20 की अध्यक्षता मिल चुकी होगी। इसके बाद 2026 से फिर से अमेरिका को G20 की अध्यक्षता मिल जाएगी।

अमेरिका इकलौता ऐसा देश है जो दो बार (2008, 2009) में G20 की मेजबानी कर चुका है। शुरुआती दौर में एक साल 2 बार G20 के आयोजन हुए। हालांकि 2011 से इसका आयोजन साल में एक बार हो रहा है।

नई दिल्ली डिक्लेरेशन में खास क्या था

  • यूक्रेन युद्ध का जिक्र नहीं था। इसमें अपील की गई कि हर देश अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करते हुए दूसरे देश की क्षेत्रीय अखंडता, संप्रभुता एवं अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का पालन करेंगे।
  • नई दिल्ली G20 डिक्लेरेशन (घोषणा पत्र) में सभी देशों ने किसी भी तरह के आतंकवाद की निंदा की।
  • इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकॉनोमिक कॉरिडोर का ऐलान किया गया। इसमें भारत, UAE, सऊदी अरब, यूरोपीय यूनियन, फ्रांस, इटली, जर्मनी और अमेरिका हैं।
  • दुनिया में तेजी से विकास करने वाले शहरों को फंड देने पर सममति बनी।
  • ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं पर जोर देने की बात हुई।

खबरें और भी हैं…



Disclaimer:* The following news is sourced directly from our news feed, and we do not exert control over its content. We cannot be held responsible for the accuracy or validity of any information presented in this news article.

Source link

Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *