वाशिंगटन3 मिनट पहले
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बैलेट बॉक्स में लगी आग बुझाते हुए लोग।
अमेरिका में चुनाव से ठीक 7 दिन पहले दो जगहों पर बैलेट बॉक्स में आग लगने की घटना सामने आई है। पहला मामला वॉशिंगटन के वैंकूवर का है जहां बैलेट बॉक्स में आग लग गई। इसमें जमा हुए सैकडों बैलेट पेपर जलकर राख हो गए।
बैलेट बॉक्स के जलने की दूसरी घटना ओरेगन के पोर्टलैंड में हुई। आग कैसे लगी फिलहाल इसका पता नहीं चल पाया है। चुनाव अधिकारी CCTV फुटेज जरिए आग लगाने वालों का पता लगाने की कोशिश में जुटे हैं।
CNN के मुताबिक पोर्टलैंड में सोमवार सुबह 3:30 बजे एक बैलट बॉक्स में आग लग गई थी। हालांकि ज्यादातर मतपत्रों को जलने से बचा लिया। सिर्फ तीन बैलेट पेपर जल गए।
चुनाव अधिकारी टिम स्कॉट ने कहा कि जिन मतदाताओं के बैलेट पेपर जले हैं उनसे संपर्क कर उन्हें नए मतपत्र दिए जाएंगे।
वहीं, वैंकूवर में जले बैलेट बॉक्स में सैंकड़ों मतपत्र जल गए हैं। वैंकूवर में चुनाव निदेशालय की प्रवक्ता लौरा शेपर्ड ने शनिवार 11 बजे के बाद इस बॉक्स में मतपत्र डालने वाले सभी लोगों से अपने मतपत्र को वेरिफाई करने का अनुरोध किया है।
घटना से प्रभावित मतपेटियों को सील कर मामले की जा रही है
FBI के प्रवक्ता स्टीव बर्नड का कहना है कि इन घटनाओं की जांच राज्य और स्थानीय एजेंसियों की मदद से की जा रही है।
सुरक्षा एजेंसीयों की चेतावनी बावजूद लापरवाही ये घटनाएं FBI और होमलैंड सिक्योरिटी की चेतावनी के बाद हुई हैं। एजेंसियों ने चेताया था कि चरमपंथी चुनाव के दौरान हिंसा भड़का सकते हैं।
हाल ही में इसी तरह की अन्य घटनाएं भी सामने आई हैं। एरिजोना के फीनिक्स में एक पोस्ट ऑफिस के बाहर एक मेलबॉक्स में आग लग गई थी। यहां एक व्यक्ति पर आगजनी का आरोप लगा है, हालांकि पुलिस का कहना है कि ये चुनाव से जुडा मामला नहीं था।
जहां बैलट बॉक्स में आग लगी उनके बीच की दूरी 15 मील की दूरी पर स्थित हैं। वैंकूवर बॉक्स एक हाई-प्रोफाइल क्षेत्र में है जहां वर्तमान प्रतिनिधि मैरी ग्लूसनकैंप पेरेज का मुकाबला रिपब्लिकन जो केंट से हो रहा है।
ट्रम्प पर 2 बार जानलेवा हमले की कोशिश
इसी चुनाव में पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प को मारने के दो बार प्रयास हो चुके हैं
दुनिया का सबसे पुराना लोकतंत्र कहे जाने वाले अमेरिका में चुनावी हिंसा आम बात हो गई है। इसी चुनाव में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को दो बार मारने का प्रयास हो चुका है। इकनॉमिक टाइम्स के एक हालिया सर्वे के मुताबिक 75% अमेरिकी मतदाता संभावित चुनावी हिंसा से डरे हुए हैं।
इससे पहले भी अमेरिका में चार राष्ट्रपतियों की हत्या हो चुकी है। इन चार के आलावा 16 अन्य पूर्व राष्ट्रपति भी ऐसे हमलों में बाल बाल बचे हैं। 2020 चुनावों के बाद भी ट्रम्प समर्थकों ने चुनावों परिणामों को गलत बताते हुए आगजनी और तोड़फोड़ की थी।
अमेरिकी बाजारों में चुनाव परिणामों के दिन आगजनी और लूट के डर से दुकानदार शटर डाउन कर प्लाईवुड से दुकानों को शील्ड कर लेते हैं।
2020 में चुनाव परिणामों के बाद ट्रंप समर्थक सड़कों पर उतर आए थे
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