ओटावा3 मिनट पहले
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कनाडाई सरकार ने पिछले सप्ताह हाईकमिश्नर संजय वर्मा समेत कुछ और राजनयिकों पर निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था। इसके बाद भारत ने वर्मा समेत अपने छह राजनयिकों को वापस बुलाया है।
कनाडा में भारत के हाईकमिश्नर रहे संजय वर्मा ने जस्टिन ट्रूडो सरकार पर खालिस्तानियों को पनाह देने का आरोप लगाए हैं। वर्मा ने भारत लौटने से ठीक पहले रविवार को कनाडाई न्यूज चैनल CTV को एक इंटरव्यू दिया। इसमें उन्होंने कहा कि कनाडाई खुफिया एजेंसी (CSIS) खालिस्तानी कट्टरपंथी और आतंकियों को बढ़ावा दे रही है।
हाईकमिश्नर वर्मा ने कहा कि कनाडा में रहने वाले खालिस्तानी आतंकी भारतीय नहीं, बल्कि कनाडा के नागरिक हैं। ये लोग कनाडा की जमीन से भारत के खिलाफ काम कर रहे हैं। हम सिर्फ इतना चाहते हैं कि कनाडा सरकार ऐसे लोगों के साथ काम नहीं करें। ये भारत की संप्रभुता और अखडता को चुनौती दे रहे हैं।
हाईकमिश्नर ने ये भी कहा कहा कि अगर कनाडाई नेताओं को लगता है कि हमें पता ही नहीं है कि हमारे दुश्मन वहां क्या कर रहे हैं, तो मुझे खेद है कि वे इतने नौैसिखिए हैं। शायद उन्हें पता नहीं कि अंतरराष्ट्रीय संबंध क्या होते हैं।
वर्मा बोले- कनाडा ने अब तक कोई सबूत पेश नहीं किया हाईकमिश्नर ने कहा कनाडाई PM ने खुद ही माना है कि उनके पास कोई ठोस सबूत नहीं है। बस खुफिया जानकारी थी। इसके आधार पर अगर आप किसी रिश्ते को बर्बाद करना चाहते हैं तो ऐसा करें। हालांकि ट्रूडो ने ऐसा किया भी है।
हाईकमिश्नर वर्मा ने निज्जर की हत्या से जुड़े सभी आरोपों से इनकार किया। उन्होंने कहा कि सब राजनीति से प्रेरित है। अब तक कोई भी सबूत पेश नहीं किया गया है। मुझे देखना है कि विदेश मंत्री किस ठोस सबूत की बात कर रही हैं।
वर्मा ने ये भी कहा कि उन्होंने किसी को भी खालिस्तानी समर्थक नेताओं के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए नहीं कहा था। वर्मा ने कहा कि भारत के हाईकमिश्नर के रूप में मैंने आजतक ऐसा कोई काम नहीं किया।
हाईकमिश्नर बोले- हम अखबार पढ़ते हैं, हमें पंजाबी आती है वर्मा ने कहा कि कनाडा में खालिस्तान समर्थक लोगों की निगरानी करना राष्ट्रीय हित से जुड़ा मामला है। हम अखबार पढ़ते हैं। वहां उनके बयान पढ़ते हैं। हम उनके सोशल मीडिया पोस्ट भी पढ़ते हैं। हमें पंजाबी समझ आती है। वहां से हमें जानकारी मिलती है और तब हम कोई अनुमान लगाते हैं।
भारत और कनाडा के बीच संबंधों में एक साल से भी ज्यादा समय से गिरावट दिखाई दे रही है। पिछले साल सितंबर में PM ट्रूडो ने संसद में आरोप लगाया कि निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंसी का हाथ है। ट्रूडो ने पिछले सप्ताह निज्जर हत्याकांड में भारतीय राजनयिकों के शामिल होने का आरोप लगाया था। इसके बाद भारत ने वर्मा समेत अपने छह राजनयिकों को वापस बुला लिया है।
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