India US | Khalistani Gurpatwant Singh Pannu Murder Conspiracy | अमेरिका बोला-भारत पन्नू मामले की जांच में सहयोग कर रहा: जिस शख्स पर हत्या की साजिश का आरोप था, वह भारत का कर्मचारी नहीं


वॉशिंगटन4 मिनट पहले

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अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि वे भारतीय अधिकारियों के साथ काम करना जारी रखेंगे। - Dainik Bhaskar

अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि वे भारतीय अधिकारियों के साथ काम करना जारी रखेंगे।

अमेरिका ने गुरुवार को कहा कि खालिस्तानी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश को लेकर हो रही जांच में भारत की तरफ से सहयोग किया जा रहा है, उससे वे संतुष्ट हैं। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि भारतीय अधिकारी हमें अपनी जांच का अपडेट दे रहे हैं और हम अपनी जांच का अपडेट उन्हें दे रहे हैं। पन्नू मामले में जांच को लेकर भारतीय टीम वॉशिंगटन में है।

मिलर ने गुरुवार को प्रेस ब्रीफिंग में ये भी बताया कि जिस शख्स पर अमेरिका में पन्नू की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया गया था, अब वह भारत सरकार का कर्मचारी नहीं है। दरअसल, अमेरिका ने पहले आरोप लगाया था कि पन्नू की हत्या की साजिश रचने में आरोपी निखिल गुप्ता, भारत सरकार के एक कर्मचारी का सहयोगी है। इन्होंने मिलकर न्यूयॉर्क में पन्नू की हत्या की साजिश रचने में मदद की थी।

14 अक्टूबर को अमेरिका ने कहा था कि भारत ने पन्नू की हत्या की कोशिश करने के आरोपी खुफिया अधिकारी गिरफ्तार किया है। वॉशिंगटन पोस्ट में इस अधिकारी का नाम विक्रम यादव बताया गया था।

भारत सरकार ने 1 जुलाई 2020 को पन्नू को UAPA के तहत आतंकी घोषित किया था। पन्नू के पास कनाडा और अमेरिका की नागरिकता है।

भारत सरकार ने 1 जुलाई 2020 को पन्नू को UAPA के तहत आतंकी घोषित किया था। पन्नू के पास कनाडा और अमेरिका की नागरिकता है।

पन्नू की हत्या की साजिश का मामला

पन्नू की हत्या की साजिश रचने के आरोप में भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता को 30 जून 2023 को चेक रिपब्लिक पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद 14 जून 2024 को निखिल को अमेरिका प्रत्यर्पित कर दिया गया था। निखिल पर अमेरिका में मुकदमा चलाया गया जहां उसने खुद को निर्दोष बताया था।

पन्नू को मारने के लिए दिए गए थे 83 लाख रुपए

हालांकि अमेरिकी एजेंसियों के मुताबिक, पन्नू को मारने प्लानिंग पिछले साल सितंबर में PM मोदी के अमेरिका दौरे के वक्त की गई थी। चार्जशीट के मुताबिक, भारत के एक पूर्व अफसर ने निखिल गुप्ता पन्नू की हत्या की प्लानिंग करने को कहा था। निखिल ने एक व्यक्ति के साथ काम के बदले 83 लाख रुपए देने की डील की थी।

इसके बाद इस साल अप्रैल में अमेरिकी मीडिया वॉशिंगटन पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि पन्नू की हत्या की साजिश के पीछे RAW का हाथ था। रिपोर्ट के मुताबिक, पन्नू की हत्या की पूरी प्लानिंग RAW के एक सीनियर अधिकारी विक्रम यादव ने की थी। उसने एक हिट टीम को काम पर रखा था।

यादव ने पन्नू के बारे में भारतीय एजेंट निखिल गुप्ता को जानकारी भेजी, जिसमें उसके न्यूयॉर्क में होने के बारे में पता चला था। इसके बाद निखिल गुप्ता ने पन्नू को मारने के लिए एक एजेंट से संपर्क किया। हालांकि प्लानिंग सफल होने से पहले ही निखिल गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया गया था।

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने निखिल के कोर्टरूम का यह स्केच जारी किया था।

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने निखिल के कोर्टरूम का यह स्केच जारी किया था।

पन्नू मामले में कब, क्या हुआ, चार्जशीट के मुताबिक पूरी टाइमलाइन…

  • मई 2023: अमेरिकी प्रॉसिक्यूटर के मुताबिक एक भारतीय अधिकारी (विक्रम यादव) ने निखिल गुप्ता को हायर किया।
  • 29 मई: निखिल गुप्ता ने किसी ऐसे शख्स की तलाश शुरू की जो पन्नू को मार सके। हालांकि, जिसे पन्नू को मारने के लिए हायर किया गया वो अमेरिका का अंडर कवर एजेंट निकला। कुछ हफ्तों तक निखिल गुप्ता ने इस अंडर कवर एजेंट से पन्नू को मारने के तरीके और कीमत पर चर्चा की।
  • 9 जून: गुप्ता ने पन्नू को मारने के लिए हायर किए गए हिटमैन को एक शख्स के जरिए 15 हजार डॉलर (12 लाख 49 हजार रुपए) का कैश भिजवाया। ये हत्या के लिए एडवांस पेमेंट थी।
  • 11 जून: भारत के अधिकारी ने गुप्ता को कहा कि पन्नू को अभी नहीं मरवा सकते हैं। दरअसल, जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के दौरे पर गए थे। गुप्ता ने भी फोन पर कहा था कि 10 दिनों तक कुछ नहीं किया जा सकता है, नहीं तो प्रदर्शन शुरू हुए जाएंगे।
  • 12 जून से 14 जून: गुप्ता ने फोन पर अपने साथी को कनाडा में किसी बड़े टारगेट के बारे में बताया। उसने कहा कि वो बाद में उसकी डीटेल्स शेयर करेगा।
  • 18 जून: कुछ लोग कनाडा में आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या कर देते हैं। कुछ ही महीनों बाद कनाडा इस हत्या का आरोप भारत पर लगाता है।
  • 19 जून: गुप्ता निज्जर की हत्या का वीडियो अमेरिका में पन्नू की हत्या के लिए हायर किए हिटमैन को भेजता है। वो लिखता है- ये अच्छी खबर है, अब इंतजार करने की जरूरत नहीं है।
  • 24 जून से 29 जून: गुप्ता ने पन्नू का मारने का प्लान आगे बढ़वाया। पन्नू की निगरानी शुरू हुई।
  • 30 जून: गुप्ता को चेक रिपब्लिक में अमेरिका के कहने पर उसे हिरासत में ले लिया गया।
पन्नू अमेरिकन और कनाडा का नागरिक है। वह कनाडा से खालिस्तान के समर्थन में प्रदर्शन करवाता है और भारत में खालिस्तान के हिमायती को फाइनेंशियली सपोर्ट करता है। फाइल फोटो- कनाडा में भारत विरोधी प्रदर्शन करते लोग।

पन्नू अमेरिकन और कनाडा का नागरिक है। वह कनाडा से खालिस्तान के समर्थन में प्रदर्शन करवाता है और भारत में खालिस्तान के हिमायती को फाइनेंशियली सपोर्ट करता है। फाइल फोटो- कनाडा में भारत विरोधी प्रदर्शन करते लोग।

कौन है गुरपतवंत सिंह पन्नू?

  • गुरपतवंत सिंह पन्नू मूलरूप से पंजाब के खानकोट का रहने वाला है। वो फिलहाल अमेरिका में रहता है और सिख फॉर जस्टिस नाम का संगठन चलाता है। उसके पास अमेरिका और कनाडा दोनों देशों की नागरिकता है।
  • भारत सरकार ने 2019 में आतंकी गतिविधियां चलाने के आरोप में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम यानी UAPA के तहत पन्नू के संगठन SFJ पर बैन लगाया। सिखों के लिए रेफरेंडम की आड़ में SFJ पंजाब में अलगाववाद और उग्रवादी विचारधारा का समर्थन कर रहा था।
  • पन्नू पर साल 2020 में अलगाववाद को बढ़ावा देने और पंजाबी सिख युवाओं को हथियार उठाने के लिए प्रोत्साहित करने का आरोप लगा। इसके बाद केंद्र सरकार ने 1 जुलाई 2020 को पन्नू को UAPA के तहत आतंकी घोषित किया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस साजिश का यही मुख्य टारगेट था। हालांकि, अमेरिकी चार्जशीट में इसका जिक्र नहीं है।

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खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने 16 अक्टूबर को एक इंटरव्यू में कहा कि उसने कनाडा को भारत के खिलाफ जानकारियां दी हैं। पन्नू ने ये भी कहा कि उसका आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस पिछले 2 से 3 सालों से कनाडाई PM जस्टिन ट्रूडो के साथ संपर्क में है। पूरी खबर यहां पढ़ें…

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