मुंबई12 मिनट पहले
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मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से देश की टॉप-10 कंपनियों में से 7 की वैल्यू बीते हफ्ते कंबाइंड रूप से 1,22,107.11 करोड़ रुपए कम हुई है। इस दौरान टाटा कंस्ल्टेंसी सर्विसेज (TCS) टॉप लूजर रही। हफ्ते भर के कारोबार के दौरान कंपनी का मार्केट कैप 35,638 करोड़ रुपए कम होकर 15.02 लाख करोड़ रुपए रह गया है।5
TCS के अलावा रिलायंस इंडस्ट्रीज दूसरी बड़ी लूजर रही। कंपनी का मार्केट कैप हफ्ते भर में 21,351.71 करोड़ रुपए गिरकर 18.55 लाख करोड़ रुपए रह गया है। इनके अलावा, ITC, हिंदुस्तान यूनिलीवर, LIC, ICICI बैंक और HDFC बैंक का मार्केट कैप भी कम हुआ है।
एयरटेल, इंफोसिस और SBI की वैल्यू ₹36,278 करोड़ बढ़ी
वहीं, इस दौरान टेलीकॉम कंपनी भारती एयरटेल टॉप गेनर रही कंपनी की वैल्यू इस दौरान 26,330 करोड़ रुपए बढ़कर 9.60 लाख करोड़ पर पहुंच गया। इसके अलावा, इंफोसिस और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की वैल्यू भी बढ़ी है।
पिछले हफ्ते 307 अंक गिरा शेयर बाजार
बीते कारोबारी हफ्ते शेयर बाजार में 307 अंकों की गिरावट रही थी। वहीं, शुक्रवार (11 अक्टूबर) को सेंसेक्स 230 अंक की गिरावट के साथ 81,381 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी में भी 34 अंक की गिरावट रही, ये 24,964 के स्तर पर बंद हुआ।
BSE स्मॉल कैप 246 अंक चढ़कर 56,600 के स्तर पर बंद हुआ। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 16 में तेजी और 14 में गिरावट रही। निफ्टी के 50 शेयरों में से 28 में तेजी और 22 में गिरावट रही। NSE के फार्मा सेक्टर में सबसे ज्यादा 1.19% की तेजी रही थी।
मार्केट कैपिटलाइजेशन क्या होता है?
मार्केट कैप किसी भी कंपनी के टोटल आउटस्टैंडिंग शेयरों यानी वे सभी शेयर, जो फिलहाल उसके शेयरहोल्डर्स के पास हैं, की वैल्यू है। इसका कैलकुलेशन कंपनी के जारी शेयरों की टोटल नंबर को स्टॉक की प्राइस से गुणा करके किया जाता है।
मार्केट कैप का इस्तेमाल कंपनियों के शेयरों को कैटेगराइज करने के लिए किया जाता है, ताकि निवेशकों को उनके रिस्क प्रोफाइल के अनुसार उन्हें चुनने में मदद मिले। जैसे लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप कंपनियां।
मार्केट कैप = (आउटस्टैंडिंग शेयरों की संख्या) x (शेयरों की कीमत)
मार्केट कैप कैसे काम आता है?
किसी कंपनी के शेयर में मुनाफा मिलेगा या नहीं इसका अनुमान कई फैक्टर्स को देख कर लगाया जाता है। इनमें से एक फैक्टर मार्केट कैप भी होता है। निवेशक मार्केट कैप को देखकर पता लगा सकते हैं कि कंपनी कितनी बड़ी है।
कंपनी का मार्केट कैप जितना ज्यादा होता है, उसे उतनी ही अच्छी कंपनी माना जाता है। डिमांड और सप्लाई के अनुसार स्टॉक की कीमतें बढ़ती और घटती है। इसलिए मार्केट कैप उस कंपनी की पब्लिक पर्सीवड वैल्यू होती है।
मार्केट कैप कैसे घटता-बढ़ता है?
मार्केट कैप के फॉर्मूले से साफ है कि कंपनी की जारी शेयरों की कुल संख्या को स्टॉक की कीमत से गुणा करके इसे निकाला जाता है। यानी अगर शेयर का भाव बढ़ेगा तो मार्केट कैप भी बढ़ेगा और शेयर का भाव घटेगा तो मार्केट कैप भी घटेगा।
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TCS को दूसरी तिमाही में ₹11,909 करोड़ का मुनाफा: सालाना आधार पर यह 5% बढ़ा, 10 रुपए प्रति शेयर लाभांश भी देगी कंपनी
IT कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज लिमिटेड (TCS) ने आज यानी 10 अक्टूबर को वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही (Q2FY25) के नतीजे जारी कर दिए हैं। जुलाई-सितंबर तिमाही में TCS का कॉन्सोलिडेटेड नेट प्रॉफिट सालाना आधार पर करीब 5% बढ़कर ₹11,909 करोड़ रहा।
एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी को 11,342 करोड़ रुपए का नेट प्रॉफिट हुआ था। वहीं, Q2FY25 में सालाना आधार पर कंपनी का ऑपरेशंस से रेवेन्यू 8% बढ़कर 64,259 करोड़ रुपए हो गया है।
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