Before 2014 the country was on the path to poverty | 2014 से पहले देश कंगाली की राह पर था: ग्लोबल बिजनेस समिट में पीएम बोले- ये भारत का समय, एक्सपोर्ट बढ़ रहा और महंगाई कम हो रही


नई दिल्ली2 घंटे पहले

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‘2014 से पहले 10 साल में देश जिन नीतियों पर चल रहा था। वह वाकई देश को कंगाली की राह पर लेकर जा रही थी। संसद में हमने भारत की आर्थिक स्थिति को लेकर एक श्वेत पत्र पेश किया। आज उसकी चर्चा भी चल रही है।

ये श्वेत पत्र जो आज लेकर आया हूं, उसे मैं 2014 में ला सकता था। राजनीतिक स्वार्थ अगर मुझे साधना होता, तो वो आंकड़े मैं दस साल पहले देश के सामने रख देता। लेकिन, 2014 में जो चीजें मैरे सामने आईं, मैं चौंक गया। अर्थव्यवस्था हर तरह से बहुत गंभीर स्थिति में थी।’

यह बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को दिल्ली में शुरू होए ग्लोबल बिजनेस समिट-2024 की ओपनिंग सेरेमनी के मौके पर कही। उन्होंने कहा, ‘घोटाले और पॉलिसी को लेकर दुनियाभर के निवेशकों में पहले ही घोर निराशा थी। अगर मैं उस समय इन चीजों को खोल देता।

जरा भी एक गलत सिग्नल जाता, तो शायद देश का विश्वास टूट जाता। लोग मानते कि डूब गए, अब नहीं बच सकते। राजनीतिक तौर पर मुझे वे सारी चीजें सामने लाना शूट करता था। राजनीति कहती है वही करो, लेकिन राष्ट्रनीति मुझे ऐसा करने की अनुमति नहीं देती।’

पीएम की स्पीच की 5 अहम बातें…

  • यह भारत का समय है : पीएम मोदी ने कहा कि यह भारत का समय है। यह वो समय है जब एक्सपोर्ट बढ़ रहा है। महंगाई नियंत्रण में है और गरीबी कम हो रही है। बैंक NPA में रिकॉर्ड कमी है और हमारे आलोचक ऑल टाइम लो हैं। भारत के सामर्थ्य को लेकर दुनिया में ऐसा पॉजिटिव सेंटिमेंट पहले कभी नहीं था।
  • कोरोना संकट के समय सीना तानकर खड़ा रहा : कोरोना महामारी और उसके बाद का कालखंड पूरे विश्व के लिए बड़ी परीक्षा बनकर आया था। किसी को पता नहीं था कि हेल्थ और इकोनॉमी से निपटा कैसे जाए। उस संकट की घड़ी में मैं सीना तानकर लोगों के सामने खड़ा रहा था। मैनें जान बचाने को प्राथमिकता दी थी और कहा था कि जान है तो जहान है।
  • 10 करोड़ फर्जी लाभार्थियों को हटाया : हमारी सरकार ने व्यवस्था में पारदर्शिता और टेक्नोलॉजी लाकर देश के पैसे बचाए हैं। कांग्रेस सरकार के समय में कागजों में 10 करोड़ ऐसे नाम चले आ रहे थे, जो फर्जी लाभार्थी थे। ऐसे लाभार्थी जो कभी पैदा ही नहीं हुए। हमने ऐसे 10 करोड़ नामों को कागजों से हटाया।
  • गरीबी हटाओ के नाम पर इंडस्ट्री खड़ी की : सात दशक पहले से हमारे यहां गरीबी हटाओ के नारे दिन-रात दिए जाते रहे। इन नारों के बीच गरीबी तो हटी नहीं। तब की सरकारों ने गरीबी हटाने का सुझाव देने वाली इंडस्ट्री जरूरी खड़ी कर दी, क्योंकि इससे कमाई होती है। 2014 के बाद जब गरीब का बेटा प्रधानमंत्री बना, तब गरीब के नाम पर चल रही इंडस्ट्र्री ठप हो गई। मैं गरीब घर से निकला हूं तो पता है कि गरीबी से लड़ाई कैसे लड़ी जाती है।
  • नया भारत सुपर स्पीड से काम करेगा : हमारे तीसरे टर्म में देश इकोनॉमी में तीसरे नंबर पर पहुंच जाएगा। मैं यह बता देना चाहता हूं कि तीसरे टर्म में और भी बड़े फैसले होने जा रहे हैं। भारत की गति देने के लिए नई योजनाओं की तैयारी डेढ़ साल से तैयार कर रहा हूं। इसके लिए करीब 15 लाख से ज्यादा लोगों से सुझाव लिए हैं। नया भारत सुपर स्पीड से काम करेगा।

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