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मुंबई/नई दिल्ली3 घंटे पहले
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चुनाव आयोग ने शरद पवार बनाम अजित पवार गुट मामले में 147 पेजों का आदेश दिया है।
अजित पवार गुट की असली NCP है। चुनाव आयोग ने मंगलवार (6 फरवरी) को यह आदेश सुनाया। आयोग के फैसले पर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने कहा कि लोकतंत्र में बहुमत को महत्व दिया जाता है। इसलिए चुनाव आयोग ने हमें NCP नाम और चुनाव चिह्न दिया है।
आयोग के फैसले के बाद दिल्ली में शरद पवार गुट के वकीलों की बैठक हुई। आज शरद पवार गुट चुनाव आयोग के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकता।
वहीं, आयोग ने महाराष्ट्र से राज्यसभा की 6 सीटों के लिए चुनाव के मद्देनजर शरद पवार गुट को चुनाव संचालन नियम 1961 के नियम 39AA का पालन करने के लिए रियायत दी। पवार को अपने नए राजनीतिक दल के लिए आज शाम 4 बजे तक तीन नाम देने को कहा है।
शरद पवार गुट तय समयसीमा तक तीन नाम देने में असफल रहता है तो उनके गुट के सदस्यों को निर्दलीय चुनाव लड़ना होगा।
चुनाव आयोग ने 6 महीने तक चली 10 सुनवाई के बाद यह फैसला दिया है। आयोग ने कहा है कि विधायकों की संख्या के बहुमत ने अजित गुट को NCP का नाम और चुनाव चिह्न हासिल करने में मदद की।
अजित ने कहा- न्याय मांगने का अधिकार सभी को है
चुनाव आयोग के फैसले पर शरद पवार गुट के सुप्रीम कोर्ट में जाने पर अजित पवार ने कहा है कि न्याय मांगने का अधिकार सभी को है। यह निर्णय हमारे पक्ष में आया है। यदि वे लोग सुप्रीम कोर्ट जाएंगे तो हम वकीलों के जरिए उचित जवाब देंगे। 50 से ज्यादा विधायक, ज्यादातर जिलाध्यक्ष हमारे साथ है। विकास का काम करना महत्वपूर्ण है।
चुनाव आयोग के फैसले के बाद मुंबई में NCP कार्यालय में अजित पवार के समर्थकों ने जश्न मनाया।
मुंबई में अजित पवार के कार्यालय के बाहर जश्न मनाते उनके समर्थक।
चुनाव आयोग के फैसले पर किसने क्या कहा…
- महाराष्ट्र CM एकनाथ शिंदे- लोकतंत्र में मेजोरिटी महत्वपूर्ण होती है। मेरिट के आधार पर अजित पवार को नाम और चिन्ह मिला। बहुमत के आधार पर उन्हें यह मिला है उन्हें मेरी शुभकामनाएं। हमें शिवसेना का नाम और चिन्ह मेरिट के आधार पर चुनाव आयोग ने दिया। बहुमत को ही महत्व रहता है। मेजोरिटी अभी सरकार में है, राज्य की 48 लोकसभा सीटों में से 45 से ज्यादा सीट हमे मिलेंगी। विधानसभा में मेजोरिटी के साथ सरकार बनेगी, काम करनेवाली सरकार बनेगी। लोग काम को महत्व देते हैं। विकास चाहिए होता है, हमारी सरकार चौतरफा विकास कर रही है।
- शरद पवार की बेटी और सांसद सुप्रिया सुले- मुझे लगता है कि जो शिवसेना के साथ हुआ वही आज हमारे साथ हो रहा है। इसलिए यह कोई नया आदेश नहीं है। बस नाम बदल गए हैं, लेकिन फैसला पुराना है। शरद पार्टी को फिर से बना लेंगे।
- शरद पवार गुट के नेता जितेंद्र आव्हाड– यह होना ही था, हमें पहले से पता था। आज उन्होंने (अजित पवार ने) शरद पवार का राजनीतिक गला घोंट दिया है। ये चुनाव आयोग के लिए शर्मिंदगी की बात है। शरद पवार फीनिक्स हैं। वह राख से फिर उठ खड़े होंगे। हमारे पास अभी भी शक्ति है क्योंकि हमारे पास शरद पवार हैं। हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।
- शरद पवार गुट के नेता जयंत पाटिल- हम चुनाव आयोग के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे, वही हमारी आखिरी उम्मीद है।
- महाराष्ट्र डिप्टी CM देवेंद्र फडणवीस- हमारे महागठबंधन के उप-मुख्यमंत्री अजित दादा को चुनाव आयोग ने NCP पार्टी,घड़ी चुनाव चिह्न दिया है, मैं उन्हें बधाई देता हूं।
- कांग्रेस नेता अशोक चह्वाण- चुनाव आयोग ने NCP को लेकर जो निर्णय दिया है वो अनअपेक्षित निर्णय नहीं है, जो शिवसेना का हुआ वही NCP के साथ हो रहा है। आखिरी निर्णय जनता की अदालत में होगा।
- महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले– केन्द्र सरकार ने जो फैसला चुनाव अयोग को लिखकर दिया था, वही फैसला NCP को लेकर आया है।
NCP केवल 2 राज्यों में सीमित
सन् 2000 के तत्कालीन चुनाव परिणामों के आधार पर NCP का राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा 10 अप्रैल 2023 को छिन गया था। अब यह केवल महाराष्ट्र और नगालैंड में क्षेत्रीय दल के रूप में मान्यता रखती है।
अजित ने 5 जुलाई को कहा था- अब मैं NCP चीफ
अजित पवार 2 जुलाई 2023 को NCP के 8 विधायकों के साथ महाराष्ट्र की शिंदे सरकार में शामिल हो गए थे। उन्होंने अपने साथ NCP के 40 विधायकों के समर्थन का दावा किया था। गठबंधन सरकार में अजित को डिप्टी CM बनाया गया है।
इसके बाद अजित ने 5 जुलाई 2023 को शरद पवार को NCP राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटाने का ऐलान किया था। उन्होंने खुद को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित किया था। अजित का कहना था कि मुंबई में 30 जून 2023 को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यह फैसला हुआ था।
अजित पवार ने चुनाव आयोग में NCP के नाम-निशान पर अपना दावा जताते हुए 30 जून को लेटर भेजा था। वहीं, शरद गुट के नेता जयंत पाटिल ने 3 जुलाई को आयोग से अजित समेत 9 मंत्रियों सहित 31 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की थी।
शरद से बगावत के बाद अजित ने 30 जून को दावा किया था कि बहुमत उनके पास है। इसलिए पार्टी पर उनका अधिकार है। आयोग में याचिका दायर कर, अजित ने 9 हजार से ज्यादा दस्तावेज पेश किए थे।