कुछ ही क्षण पहले
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इजराइल ने कहा है कि इस हमले में कोई भी नुकसान अभी तक नहीं हुआ है।
इजराइल और लेबनान के बीच बढ़ते तनाव को लेकर अमेरिका और ब्रिटेन ने अपने नागरिकों को लेबनान छोड़ने की सलाह दी है। शनिवार को पहले लेबनान की राजधानी बेरूत में अमिरेकी एम्बैसी ने X पर पोस्ट में कहा- अमेरिका जाने वाली कई फ्लाइट्स कैंसिल और सस्पेंड हो गई हैं। हालांकि, लेबनान छोड़ने के ऑप्शन अभी भी हैं। जो भी लेबनान छोड़ना चाहते है, वो कोई भी टिकट लेकर तुरंत लेबनान छोड़ दें।
इसके बाद ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी ने कहा- लेबनान में मौजूद ब्रिटिश नागरिकों के लिए मेरा स्पष्ट संदेश है – तुरंत वहां से निकलें। हम लेबनान में एम्बैसी की स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। तनाव बहुत ज्यादा है और स्थिति कभी भी बिगड़ सकती है। अमेरिका और ब्रिटेन के अलावा कई अन्य देशों ने भी अपने नागरिकों से लेबनान छोड़ने को कहा है। इनमें ऑस्ट्रेलिया और भारत भी शामिल है।
भारत की एडवाइजरी- जरूरी न हो तो लेबनान न जाएं
लेबनान में इंडियन एम्बैसी ने X पर पोस्ट में कहा था कि भारतीय लोगों को जरूरी न हो तो फिलहाल लेबनान जाने से बचना चाहिए। वहीं, जो भी लोग लेबनान में हैं, वे सतर्क रहे, ज्यादा मूवमेंट न करें और इंडियन एम्बैसी से जुड़े रहे। किसी भी इमरजेंसी में एम्बैसी को सूचित करें।
इजराइल-लेबनान में तनाव की वहज 3 पॉइंट में समझिए
- इजराइल और लेबनान में तनाव की वजह हाल ही में ईरान की राजधानी तेहरान में हमास के चीफ इस्माइल हानियेह की मौत को बताया जा रहा है। ईरान का मानना है कि हमास चीफ को इजराइल ने मारा है। इस हमले में अमेरिका भी शामिल था। एक्सपर्ट्स का मानना है कि ईरान और इजराइल के बीच जंग हो सकती है।
- लेबनान में सक्रिय हिजबुल्लाह संगठन भी ईरान का समर्थक है। इजराइल और लेबनान के बीच भी जंग चल रही है। 30 जुलाई को इजराइल ने लेबनान की राजधानी बेरूत में 30 जुलाई को एयरस्ट्राइक की थी। इसमें हिजबुल्लाह का कमांडर हज मोहसिन उर्फ फुआद शुकर मारा गया था।
- इस हमले के अगले दिन ही तेहरान में हमास हानियेह की मौत हुई थी। 24 घंटे के अंदर इजराइल के दो दुश्मनों की मौत हुई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इजराइल-हमास के बीच 7 अक्तूबर 2023 से शुरू हुई जंग के सीजफायर एग्रीमेंट में भी देरी हो सकती है। इसलिए पूरे मिडल ईस्ट में तनाव बढ़ा हुआ है।
मिडिल ईस्ट में 12 नए युद्धपोत भेज रहा अमेरिका
अमेरिका ने बढ़ते तनाव को देखते हुए मिडिल ईस्ट में और हथियार तैनात करने का फैसला किया है। अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने बताया कि अमेरिका इलाके में एक फाइटर जेट स्क्वॉड्रन और एक एयरक्राफ्ट कैरियर तैनात करेगा। इनका लक्ष्य ईरान की तरफ से इजराइल पर हमले की स्थित में उसकी रक्षा करना होगा।
1 अगस्त को वॉशिंगटन पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट में बताया अमेरिका ने मिडिल ईस्ट में 12 नए युद्धपोत तैनात किए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ फोन पर बातचीत के दौरान इजराइल की रक्षा करने का वादा किया था।
दोनों नेताओं ने मिडिल ईस्ट में अमेरिका के हथियारों और डिफेंस वेपन्स की संख्या ब़ढ़ाने पर चर्चा की थी। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, अमेरिका के रक्षा मंत्री ने क्षेत्र में पहले से तैनात USS थियोडोर रूजवेल्ट कैरियर की जगह USS अब्राहम लिंकन एयरक्राफ्ट कैरियर तैनात करने का आदेश दिया है।
इन 3 घटनाओं के कारण मिडिल-ईस्ट में तनाव बढ़ा
1. इजराइल की लेबनान पर एयरस्ट्राइक, हिजबुल्लाह कमांडर फुआद शुकर मारा गया
इजराइल ने लेबनान की राजधानी बेरूत पर एयरस्ट्राइक की। इसमें 3 लोगों की मौत हो गई और 74 लोग घायल हुए हैं। मरने वालों में हिजबुल्लाह कमांडर हज मोहसिन उर्फ फुआद शुकर था। फुआद के बारे में इजराइली आर्मी ने दावा किया था कि वह गोलान हाइट्स पर हमले के लिए जिम्मेदार था। पूरी खबर पढ़ें…
2. हमास चीफ इस्माइल हानियेह तेहरान में मारा गया, ईरान का आरोप- इजराइल ने घर पर मिसाइल दागी
हमास का पॉलिटिकल चीफ इस्माइल हानियेह की भी मौत हो चुकी है। ईरान के इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने इसकी पुष्टि की थी। IRGC ने 31 जुलाई को सुबह कहा था कि तेहरान में हानियेह के ठिकाने पर रात 2 बजे (भारतीय समय के मुताबिक सुबह 4 बजे) मिसाइल से हमला किया गया। पूरी खबर पढ़ें…
3. हमास मिलिट्री चीफ मोहम्मद दाइफ की इजराइली हमले में मौत
दाइफ 2002 से हमास के मिलिट्री विंग का हेड था। इजराइल ने 13 जुलाई को गाजा पर एयरस्ट्राइक की थी, जिसमें दाइफ मारा गया। वह 7 अक्टूबर को इजराइल पर हुए हमले का मास्टरमाइंड था।
इजराइली सेना ने 1 अगस्त को कहा कि हमास के मिलिट्री चीफ मोहम्मद दाइफ इजराइली हवाई हमले में मारा जा चुका है। दावा किया गया कि उसे गाजा के खान यूनिस में 13 जुलाई को एक हवाई हमले में मार दिया गया। लंबे समय से दाइफ की मौत की चर्चा थी, लेकिन 1 अगस्त को इजराइल ने इसकी पुष्टी कर दी। पूरी खबर पढ़ें…
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