नई दिल्ली14 मिनट पहले
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17वीं लोकसभा का कार्यकाल मई 2024 में खत्म हो रहा है।
लोकसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने सोमवार 5 फरवरी को सभी राजनीतिक दलों को सलाह दी है कि चुनाव प्रचार अभियानों में बच्चों का इस्तेमाल किसी भी रूप में न करें।
पार्टियों को भेजी गई एडवाइजरी में चुनाव पैनल ने पार्टियों और उम्मीदवारों से चुनावी प्रक्रिया के दौरान बच्चों से पोस्टर और पर्चे बांटने, नारेबाजी करने को लेकर जीरो टॉलरेंस जाहिर किया है।
आयोग ने कहा कि राजनीतिक नेता और उम्मीदवार प्रचार के दौरान बच्चों को गोद में लेने और गाड़ियों में में न बैठाएं, न उनको रैली में शामिल करें।
बच्चों से कविता पढ़वाने और भाषण पर भी रोक रहेगी
चुनाव आयोग ने एक बयान में कहा कि यह प्रतिबंध कविता, गाने, बोले गए शब्दों, राजनीतिक दल या उम्मीदवार के चुनाव चिन्ह के इस्तेमाल के अलावा किसी भी तरीके से राजनीतिक अभियान की झलक बनाने के लिए बच्चों के उपयोग पर भी लागू होगा।
हालांकि, किसी बच्चे के माता-पिता या अभिभावक राजनेता के करीबी हैं और वे अपने साथ बच्चे को ले जाते हैं तो इसे दिशानिर्देशों का उल्लंघन नहीं माना जाएगा, बशर्ते वे उनकी पार्टी के चुनाव प्रचार में शामिल न हों।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने राजनीतिक दलों से संसदीय चुनावों में लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने में की भी अपील की है।