3 मिनट पहले
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पुतिन ने कहा कि अमेरिका कोल्ड वॉर के दौरान हुए मिसाइल संकट जैसी स्थिति पैदा कर रहा है।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि अगर अमेरिका, जर्मनी में लंबी दूरी वाले मिसाइल तैनात करता है तो इसके जवाब में रूस भी पश्चिमी देशों की रेंज में आने वाले घातक मिसाइल तैनात करेगा।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक इस महीने की शुरुआत में अमेरिका ने कहा था कि नाटो अपने सहयोगी देशों की हिफाजत के लिए जर्मनी में साल 2026 से लंबी दूरी वाली मिसाइलों को तैनात करना शुरू कर देगा। इसमें SM-6, टॉमहॉक क्रूज मिसाइल के अलावा हाइपरसोनिक मिसाइल भी होंगे।
इसके जवाब में पुतिन ने कहा कि अमेरिका कोल्ड वॉर के दौरान हुए मिसाइल संकट जैसी स्थिति पैदा कर रहा है। साल 1962 में रूस ने क्यूबा में मिसाइल तैनात कर दिया था। ये जगह अमेरिका से सिर्फ 150 किमी की दूरी पर थी। इसकी वजह से रूस और अमेरिका परमाणु जंग के मुहाने पर आ गए थे।
पुतिन ने कहा कि अमेरिका डेनमार्क और फिलीपींस को टाइफून मिसाइल तकनीक देकर तनाव को और बढ़ा रहा है।
पुतिन बोले- शॉर्ट रेंज मिसाइल डेपलप करना शुरू करेगा रूस
रूस के नौसेना दिवस के मौके पर रविवार को अपने संबोधन में पुतिन ने कहा कि अगर नाटो ऐसा कदम उठाता है तो जर्मनी से रूस तक मिसाइल के पहुंचने में सिर्फ 10 मिनट लगेंगे। उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका, जर्मनी में मिसाइलों को तैनात करने की बात कहकर और डेनमार्क और फिलीपींस को टाइफून मिसाइल सिस्टम देकर तनाव को और बढ़ा रहा है।
पुतिन ने अमेरिका के इस कदम की तुलना साल 1979 में वेस्ट यूरोप में पर्शिंग-2 मिसाइल लॉन्चर्स की तैनाती से की। सोवियत यूनियन के तत्कालीन महासचिव यूरी आंद्रोपोव के मुताबिक पर्शिंग मिसाइलों की तैनाती कर अमेरिका, सोवियत यूनियन के राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व को खत्म करना चाहता था।
पुतिन ने दोबारा कहा कि अब फिर से कोल्ड वॉर जैसे हालात बनाए जा रहे हैं। इसका जवाब देने के लिए रूस न्यूक्लियर तकनीक से लैस इंटरमीडिएट और शॉर्ट रेंज मिसाइल का उत्पादन शुरू करेगा और इसके बाद विचार करेगा कि इन्हें तैनात कहां किया जाए।
पोलिटिको की रिपोर्ट के मुताबिक साल 1987 में अमेरिका और सोवियत यूनियन के बीच इंटरमीडिएट-रेंज न्यूक्लियर फोर्सेस एग्रीमेंट हुआ था। इसके तहत दोनों देशों ने 500 किमी से अधिक रेंज वाली न्यूक्लियर मिसाइलों को तैयार न करने पर सहमत हुए थे।
32 साल के बाद 2019 में अमेरिका इस समझौते से अलग हो गया। अमेरिका का आरोप था कि रूस 9M729 मिसाइल डेवलप कर समझौते को तोड़ रहा है। इसके बाद अमेरिका के तत्कालीन रक्षा सचिव मार्क एस्पर ने कहा था कि वे भी रूसी मिसाइल के जवाब में लंबी रेंज के हथियारों का निर्माण करेंगे।
रूस में हर साल जुलाई के आखिरी रविवार को नेवी-डे मनाया जाता है।
रूस की नेवी-डे परेड में शामिल हुआ भारत, पुतिन ने ली सलामी
रविवार को भारतीय नौसैनिकों ने रूस के 328वीं नेवी-डे परेड में हिस्सा लिया। इस मौके पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने भारतीय नौसेनिकों से सलामी ली। भारत की तरफ से नेवी-डे परेड में युद्धपोत INS तबर ने शामिल हुआ।
परेड की सलामी लेते हुए पुतिन ने भारतीय नौसेनिकों को अभिवादन किया और नौसेनिकों को नेवी-डे परेड में भाग लेने के लिए बधाई भी दी। युद्धपोत INS तबर की कमान कैप्टन एम.आर हरीश संभाल रहे थे। उनके साथ 280 सदस्यों का क्रू भी युद्धपोत पर मौजूद था।
परेड में 200 से ज्यादा जहाज शामिल हुएसेंट पीटर्सबर्ग में मनाए जा रहे 328 वें नेवी-डे में करीब 200 जहाजों ने हिस्सा लिया। ये सभी 2024 तक नेवी का हिस्सा रहे हैं। इस दौरान 15 हजार से अधिक सैनिक भी मौजूद रहे। परेड के खत्म होने के बाद सेंट पीटर्सबर्ग और रूसी नेवल बेस पर म्यूजिक कॉन्सर्ट, आर्मी बैंड और आतिशबाजी का आयोजन किया जाएगा।
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