मुंबई36 मिनट पहले
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सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया यानी Sebi ने गुरुवार (27 जून) को बोर्ड मीटिंग में फाइनेंशियल इंफ्लूएंसर्स या फिनफ्लूएंसर्स, कंपनी डीलिस्टिंग, डेरिवेटिव ट्रेडिंग और अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड्स (AIF) को लेकर बड़े फैसले किए। सेबी ने मीटिंग में फिनफ्लूएंसर्स को रेगुलेट करने के लिए नए नियमों को मंजूरी दे दी है।
अब सेबी रजिस्टर्ड एडवाइजर्स किसी फिनफ्लूएंसर्स के साथ करार नहीं कर पाएंगे। इसके अलावा वॉलंटरी डीलिस्टिंग नियमों में भी कुछ छूट का ऐलान किया गया है। डीलिस्टिंग के लिए फिक्स्ड प्राइस प्रोसेस को मंजूरी मिल गई है।
हालांकि, डीलिस्टिंग को तभी मंजूर किया जाएगा, जब एग्रीगेट लेवल पर कम से कम 90% शेयरहोल्डर्स से शेयर खरीद लिए गए हों। इसके साथ ही डीलिस्टिंग के लिए तय कीमत फ्लोर प्राइस से कम से कम 15% ज्यादा होनी चाहिए।
सेबी ने अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड्स को लेकर भी बड़ी राहत दी
इतना ही नहीं सेबी ने इस बोर्ड मीटिंग में अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड्स (AIFs) को लेकर भी बड़ी राहत दी है। अब कैटेगरी-1 और कैटेगरी-2 के AIFs को 30 दिन के लिए उधार लेने की अनुमति होगी। मतलब इन्वेस्टर्स के पैसे निकालने पर फंड की कमी की स्थिति में AIFs उधार ले सकेंगे।
डेरिवेटिव सेगमेंट में एंट्री और एग्जिट के लिए नियमों में भी बदलाव
सेबी ने मीटिंग में शेयरों के डेरिवेटिव सेगमेंट में एंट्री और एग्जिट के लिए नियमों में भी बदलाव का ऐलान किया है। डेरिवेटिव सेगमेंट में एंट्री के नियमों में पिछला बदलाव 2018 में हुआ था। सेबी रजिस्टर्ड एडवाइजर्स और एनालिस्ट्स को पेमेंट के लिए एक ऑप्शनल मैकेनिज्म को बनाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी मिल गई है।
यूनिवर्सिटी फंड्स के एडिशनल डिस्क्लोजर नियमों में भी छूट दी गई
इस पेमेंट मैकेनिज्म से एडवाइजर्स और एनालिस्ट में इन्वेस्टर्स के विश्वास को बेहतर करने के लिए एक इकोसिस्टम बनाने की कोशिश है। कुछ यूनिवर्सिटी फंड्स के एडिशनल डिस्क्लोजर नियमों में भी छूट दी गई है।
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