देहरादून11 मिनट पहले
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मई 2022 में उत्तराखंड में UCC ड्राफ्ट तैयार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी गठित की थी।
समान नागरिक संहिता कानून (UCC) के लिए गठित एक्सपर्ट कमेटी अपनी फाइनल रिपोर्ट शुक्रवार (2 फरवरी) को उत्तराखंड सरकार को सौंपेगी।
सुबह 11 बजे मुख्यमंत्री आवास में इसके लिए कार्यक्रम भी आयोजित किया गया है। इसके बाद UCC का ड्राफ्ट 3 फरवरी को होने वाली कैबिनेट बैठक में लाया जाएगा, जहां ड्राफ्ट पर गहनता से चर्चा की जाएगी।
कैबिनेट बैठक की मुहर के बाद UCC के ड्राफ्ट को विधानसभा में पेश किया जाएगा, जिसके लिए 5 फरवरी से विधानसभा का विशेष सत्र भी बुलाया गया है।
विशेष सत्र के अगले दिन 6 फरवरी को ड्राफ्ट विधानसभा के पटल पर विधेयक के रूप में रखा जाएगा।
विधानसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष UCC ड्राफ्ट में शामिल बिंदुओं पर चर्चा करेगा। इन सबके बाद ड्राफ्ट को बिल का रूप दिया जाएगा।
UCC को लेकर कब क्या हुआ? साल 2022 के विधानसभा चुनावों से ठीक पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में BJP सरकार आने पर UCC लागू करने का वादा किया। इसके बाद मई 2022 में उत्तराखंड में UCC ड्राफ्ट तैयार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी गठित की थी।
कमेटी में जस्टिस देसाई के अलावा दिल्ली हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज प्रमोद कोहली, सामाजिक कार्यकर्ता मनु गौड़, पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह और दून यूनिवर्सिटी की वाइस-चांसलर सुरेखा डंगवाल शामिल हैं।
कमेटी ने प्रदेश के 13 जिलों में विभिन्न सामाजिक संगठनों, बुद्धिजीवी और सभी धर्म के लोगों से UCC को लेकर सुझाव लिए हैं, जिन सुझावों के बाद यह ड्राफ्ट तैयार किया गया है। कमेटी को प्रदेश भर के तकरीबन 2.50 लाख से ज्यादा सुझाव (ऑनलाइन और ऑफलाइन) मिले हैं। इनके आधार पर UCC का ड्राफ्ट तैयार किया है।
अब तक चार बार बढ़ा कमेटी का कार्यकाल
- 27 मई 2022 को एक्सपर्ट कमेटी गठित की गई थी।
- 27 नवम्बर 2022 को छह महीने का समय बढ़ाया गया।
- 27 मई 2023 को चार महीने का कार्यकाल बढ़ाया गया।
- 27 सितम्बर 2023 से फिर चार महीने का कार्यकाल बढ़ाया गया।
- 26 जनवरी को 15 दिन के लिए एक्सपर्ट कमेटी का कार्यकाल बढ़ाया गया।
ये हो सकते हैं कमेटी के सुझाव
- UCC में महिलाओं को समान अधिकार दिए जाने का फैसला हो सकता है।
- इसके तहत हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई समेत किसी भी धर्म में ताल्लुक रखने वाली महिलाओं को परिवार और माता-पिता की संपत्ति में समान अधिकार मिलेगा।
- लड़कियों की शादी की उम्र 21 साल करने का फैसला भी यूसीसी के ड्राफ्ट में आ सकता है।
- UCC के तहत किसी भी पुरुष या महिला को बहु विवाह करने की अनुमति नहीं होगी।
- लव इन रिलेशनशिप के रजिस्ट्रेशन के प्रावधान पर भी विचार किया जा रहा है।
- बुजुर्गों की सहूलियत के लिए बहू और दामाद को भी अपने ऊपर निर्भर बुजुर्गों की देखभाल के लिए जिम्मेदार माना जाएगा।
- किसी भी धर्म की महिला को संपत्ति में समान अधिकार दिए जाने का प्रस्ताव भी ड्राफ्ट में आ सकता है।
- संपत्ति में महिला को भी पुरुष के बराबर संपत्ति में अधिकार दिए जाने का प्रस्ताव शामिल हो सकता है।
- गोद ली जाने वाली संतानों के अधिकारों में बड़ा फैसला हो सकता है इसके नियम में भी बदलाव होने की संभावना है।
- जनसंख्या नियंत्रण कानून के सुझाव को यूसीसी के ड्राफ्ट में शामिल किया जा सकता है।
- मुस्लिम समाज में हलाला और इद्दत की रस्म को खत्म करने का प्रावधान किया जा सकता है।
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