मालदा1 दिन पहले
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ममता बनर्जी ने आज मालदा में TMC कार्यकर्ताओं के साथ पदयात्रा निकाली।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार (31 जनवरी) को मालदा में कहा कि कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियां मिलकर भाजपा को मजबूत कर रही हैं। TMC के अलावा कोई भी पार्टी भाजपा से नहीं लड़ सकती है।
ममता ने राज्य के लिए फंड जारी करने को लेकर हो रही देरी को लेकर कहा कि अगर कल (1 फरवरी) तक केंद्र ने राज्य का बकाया फंड जारी नहीं किया तो 2 फरवरी से वे कोलकाता में धरना देंगी।
उन्होंने कहा- केंद्र पर 7 हजार करोड़ रुपए का फंड बकाया है। मुझे पता है कि आंदोलन के जरिए कैसे फंड जारी करवाया जाता है। मैं चाहूंगी कि पार्टी के सभी नेता और कार्यकर्ता इस धरने में मेरा साथ दें।
मालदा में पदयात्रा से पहले ममता बनर्जी एक कार्यक्रम में शामिल हुईं। इसमें उन्होंने ड्रम बजाया।
अकेले चुनाव लड़ने की ममता ने वजह बताई
ममता ने कहा कि कांग्रेस का यहां एक भी विधायक नहीं है। फिर भी मैंने मालदा में उन्हें 2 सीटें ऑफर की थी, लेकिन उन्हें और सीटें चाहिए थी। इसलिए मैंने फैसला लिया कि एक भी सीट शेयर नहीं करूंगी। मैं CPI (M) को कभी नहीं भूल सकती। मैं उन्हें भी नहीं भूल सकती जो CPI (M) को सपोर्ट करते हैं। क्योंकि ऐसा करके वे भाजपा को सपोर्ट करते हैं। मैंने पिछले पंचायत इलेक्शन में यह बात नोटिस की थी।
ममता की पदयात्रा और राहुल की न्याय यात्रा एक ही दिन
ममता ने बुधवार को मालदा में पदयात्रा भी निकाली है। मालदा में ही आज राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा भी पहुंची है। ममता ने कुछ दिनों पहले ऐलान किया था कि वह पश्चिम बंगाल में अकेले चुनाव लड़ेंगी। इसके बाद से राहुल की यात्रा में TMC शामिल नहीं हुई। हालांकि, लेफ्ट पार्टियों के नेता राहुल की यात्रा में शामिल हो रहे हैं। पूरी खबर पढ़ें…
फंड के लिए ममता ने PM से मुलाकात की थी
पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी ने 20 दिसंबर को PM मोदी से केंद्र की तरफ से बंगाल को मिलने वाला फंड रोके जाने की शिकायत को लेकर मीटिंग की थी। इसमें TMC के 10 नेता शामिल थे। ममता ने मीटिंग के बाद कहा था- केंद्र के पास राज्य का 1.16 लाख करोड़ रुपए बकाया है। इस पर PM ने कहा था कि राज्य और केंद्र के अधिकारी इस मुद्दे को सुलझाएंगे। PM से मैंने कहा कि गरीबों का पैसा रोकना ठीक नहीं है।
ममता ने 24 जनवरी को किया था अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान
ममता बनर्जी ने हावड़ा में मीडिया से बातचीत के दौरान राज्य की 42 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने की की थी।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (TMC) सुप्रीमो ममता बनर्जी ने 24 जनवरी को लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने की घोषणा की थी। ममता ने कहा था- पश्चिम बंगाल में सीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस ने मेरा प्रस्ताव ठुकराया दिया। हम बंगाल में अकेले चुनाव लड़ेंगे।
दरअसल, कांग्रेस लोकसभा चुनाव के लिए बंगाल में 10 से 12 सीटों की मांग कर रही थी, जबकि TMC केवल दो सीटें देने पर अड़ी थी। यह वे सीटें हैं जिन्हें कांग्रेस ने साल 2019 के लोकसभा चुनाव में जीता था। कांग्रेस के अलावा बंगाल में लेफ्ट पार्टियां भी हैं, जो 28 दलों वाले विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A का हिस्सा हैं। पूरी खबर पढ़ें…
पिछले दिनों में ममता के दो बयान, जो चर्चा में रहे
22 जनवरी: ममता बनर्जी ने कहा- लेफ्ट पार्टियां I.N.D.I.A के एजेंडे को कंट्रोल करने की कोशिश कर रही हैं। मैं यह स्वीकार नहीं करूंगी। मैं उन लोगों से सहमत नहीं हो सकती, जिनके साथ मैंने 34 साल तक संघर्ष किया है। इतने अपमान के बावजूद मैंने I.N.D.I.A की मीटिंग में हिस्सा लिया।
19 जनवरी: ममता बनर्जी ने मुर्शिदाबाद जिले के पार्टी नेताओं के साथ मुलाकात की। ममता ने स्पष्ट कहा कि TMC को प्राथमिकता नहीं दी गई तो प्रदेश की सभी 42 लोकसभा सीटों पर TMC स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने के लिए तैयार है।