Ships of China and Philippines collide in South China Sea | साउथ चाइना सी में चीन-फिलीपींस के जहाज भिड़े: इलाके पर 6 देशों का दावा, ड्रैगन बोला- चेतावनी के बावजूद आगे बढ़ता रहा फिलीपीनी जहाज


11 मिनट पहले

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चीनी कोस्टगार्ड ने कहा कि फिलीपींस का जहाज लगातार चेतावनी की अनदेखी करता रहा और आक्रमक तरीके से बढ़ता रहा। - Dainik Bhaskar

चीनी कोस्टगार्ड ने कहा कि फिलीपींस का जहाज लगातार चेतावनी की अनदेखी करता रहा और आक्रमक तरीके से बढ़ता रहा।

चीन और फिलीपींस के जहाजों के बीच सोमवार सुबह साउथ चाइना सी में टक्कर हो गई। दोनों देशों ने एक दूसरे पर इस घटना का आरोप लगाया है। चीनी कोस्टगार्ड ने सोमवार को कहा कि फिलीपींस का जहाज लगातार चेतावनी की अनदेखी करता रहा और आक्रमक तरीके से बढ़ता रहा जिसकी वजह से ये हादसा हुआ।

हालांकि इस घटना में कितना नुकसान हुआ है इसकी जानकारी अब तक किसी भी पक्ष ने नहीं दी है। चीनी कोस्टगार्ड के बयान के मुताबिक फिलीपींस के जहाज ने सेकेंड थॉमस शोल के करीब से एंट्री की थी। ये स्प्रैटली आइलैंड्स में एक जलमग्न चट्टान है। इस आइलैड्स पर 6 देश अपना दावा करते हैं।

फिलीपींस ने दावे को झुठलाया
चीन के आरोप का फिलीपींस ने खंडन किया है। फिलीपींस आर्म्ड फोर्स के चीफ जेरेक्स त्रनिदाद ने कहा कि चीन का बयान झूठ से भरा और गुमराह करने वाला है। उन्होंने कहा कि चीनी कोस्टगार्ड का आक्रमक रवैया क्षेत्र में तनाव बढ़ा रहा है।

मिलिट्री अधिकारी ने आगे कहा कि सेकेंड थॉमस शोल उसके समुद्र तट से 200 नॉटिकल मील (लगभग 370 किलोमीटर) से भी कम दूरी पर स्थित है। यह इलाका उसके अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त विशेष आर्थिक क्षेत्र में पड़ता है।

चीन ने साउथ चाइना सी में निगरानी के लिए अपनी कई बोट्स और कोस्टगार्ड को तैनात कर रखा है।

चीन ने साउथ चाइना सी में निगरानी के लिए अपनी कई बोट्स और कोस्टगार्ड को तैनात कर रखा है।

पिछले साल भी हुई थी टक्कर
चीन और फिलीपींस के बीच ये तनाव लंबे समय से जारी है। इस पहले बीते साल भी चीनी और फिलीपींस के जहाजों की टक्कर हुई थी। तब फिलीपींस के तटरक्षकों ने आरोप लगाया था कि चीनी कोस्टगार्ड ने विवादित शोल क्षेत्र में उसके तीन जहाजों पर पानी की बौछार की और उनमें से एक जहाज को टक्कर मार दी, जिससे जहाज के इंजन को गंभीर क्षति पहुंची।

चीन ने दक्षिणी चीन सागर में अपने दबदबे को कायम करने के लिए एक नया मैरीटाइम कानून बनाया है। इसे शनिवार को लागू कर दिया गया। अलजजीरा के मुताबिक, दक्षिण चीन सागर में घुसपैठ के गंभीर मामलों में चीन आरोपी को 60 दिन तक बिना ट्रायल के हिरासत में रख सकेगा। दरअसल, चीन पूरे साउथ चाइना सी को अपना हिस्सा बताता है। जबकि साउथ एशिया के कई देश जैसे फिलीपींस, वियतनाम, इंडोनेशिया भी इस पर अपना दावा करते हैं।

तस्वीर साउथ चाइना सी में तैनात चीनी कोस्टगार्ड वेसल की है। (फाइल)

तस्वीर साउथ चाइना सी में तैनात चीनी कोस्टगार्ड वेसल की है। (फाइल)

साउथ चाइना सी में निगरानी करती हैं चीनी बोट्स
साउथ चाइना सी में विवाद को देखते हुए चीन ने इलाके में निगरानी के लिए अपनी कई बोट्स और कोस्टगार्ड को तैनात कर रखा है। पिछले कुछ सालों में क्षेत्र में फिलीपींस और चीन की वेसल की मौजूदगी को लेकर दोनों देशों में तनाव भी रहा है।

चीन के नए कानून पर फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्दिनांद मार्कोस ने कहा कि ये काफी चिंताजनक हैं। वहीं फिलीपींस के विदेश मंत्रालय ने घोषणा की कि उसने UN में साउथ चाइना सी पर अपने दावे से जुड़े कानूनी दस्तावेज जमा किए है।

फिलीपींस बोला- मछुआरों को डरने की जरूरत नहीं
चीन के नए कानून के बाद फिलीपींस ने कहा है कि वे दक्षिण चीन सागर में अपने मछुआरों की रक्षा के लिए जरूरी कदम उठाएंगे। साथ ही उन्होंने मछुआरों से कहा है कि वे चीन के कानून से डरे बिना देश की समुद्री सीमा में अपना काम करते रह सकते हैं।

दरअसल, साउथ चाइना सी में मौजूद चीन के कोस्टगार्ड अक्सर फिलीपींस के वेसल पर वॉटर कैनन से पानी डालते रहते हैं। इसके अलावा दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प भी हुई है, जिसमें फिलीपींस के सैनिक घायल हो गए थे।

इससे पहले पिछले साल 22 अक्टूबर को चीन के एक कोस्ट गार्ड शिप ने फिलिपींस के कोस्ट गार्ड शिप को टक्कर मार दी थी। वहीं सितंबर में बीजिंग ने साउथ चाइना सी में फिलीपींस के मछली पकड़ने वाले जहाजों को रोकने के लिए स्कारबोरो शोल इलाके में फ्लोटिंग बैरियर लगाए थे। हालांकि, बाद में फिलीपींस ने इसे तोड़ दिया था।

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