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देहरादून21 मिनट पहले
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सिल्क्यारा टनल हादसे के 17 दिन बाद 28 नवंबर को टनल में फंसे मजदूरों का रेस्क्यू किया गया था।
उत्तरकाशी की सिल्क्यारा टनल का निर्माण कार्य एक बार फिर शुरू हो गया है। 2 महीने पहले इस टनल हादसे में 41 मजदूरों के फंसे होने के बाद इनका रेस्क्यू किया गया था। इनमें से एक मजदूर टनल में काम पर लौट आया है। बंगाल के रहने वाले वाले इस मजदूर का नाम मनिक तालूकदार है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उसने कहा कि घटना दुर्भाग्यपूर्ण थी लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि डर के कारण काम बंद कर दें। हम अपने काम के जोखिमों को जानते है।
12 नवंबर की सुबह 5.30 बजे सिल्क्यारा टनल का एक हिस्सा ढह गया था। टनल में मलबा जमा होने से अंदर काम करे 41 मजदूर फंस गए थे। इसके बाद रेस्क्यू एजेंसियों ने मजदूरों को बचाने की कवायद शुरू की। एक प्लान फेल हुआ, तो दूसरे पर काम शुरू हुआ। कभी सुरंग के मुहाने से तो कभी पहाड़ के ऊपर से खुदाई करके मजदूरों को निकालने की कोशिश की जाती रही और आखिरकार 28 नवंबर की शाम तक यानी 17 दिन के बाद मजदूर को बाहर निकाला गया।
रैट माइनर्स की बदौलत मजदूरों का रेस्क्यू हो पाया था
टनल में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के प्लान लगातार प्लान फेल होते रहे। जब 24 नवंबर को मजदूरों की लोकेशन से महज 12 मीटर पहले ऑगर मशीन टूटी तो, रेस्क्यू ऑपरेशन का जिम्मा सेना और रैट माइनर्स को जिम्मा सौंपा गया। रैट माइनर्स ने 800mm के पाइप में घुसकर ड्रिलिंग की और आखिरकार मजदूरों को एक एक कर बाहर निकाल लिया गया था।
मजदूरों के रेस्क्यू के बाद CM धामी ने ईगास-पर्व मनाया
उत्तरकाशी के सिल्क्यारा टनल से सभी 41 मजदूरों के सुरक्षित निकलने के बाद 29 नवंबर की रात देहरादून स्थित CM आवास पर ईगास पर्व मनाया गया। इसमें CM धामी समेत कुछ मजदूरों के परिजन भी शामिल हुए। इससे पहले सीएम धामी ने सभी मजदूरों को उत्तराखंड सरकार की ओर से कल एक-एक लाख रुपए की मदद देने की बात भी कही थी।
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12 नवंबर को सिल्क्यारा टनल हादसे में 41 मजदूर फंस गए। उन्हें निकालने के लिए राहत कार्य शुरू किया गया। एक-एक दिन करके 16 दिन बीत गए। 17वें दिन जाकर रेस्क्यू टीम को सफलता मिली। सभी 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। मेडिकल जांच के बाद सभी मजदूर अब घर पहुंच गए हैं।
टनल से निकले मजदूरों से मुलाकात करने दैनिक भास्कर टीम श्रावस्ती पहुंची। वहां बातचीत करके उनके घर के हालात जाने। पढ़ें पूरी स्टोरी…
41 मजदूर, 17 दिन और 6 बड़ी अड़चनें:कुछ तकनीक, कुछ जुगाड़; उत्तरकाशी टनल से जीवित निकालने के लिए क्या-क्या किया गया
12 नवंबर 2023, सुबह करीब 5.30 बजे का वक्त। उत्तरकाशी में बन रही सिलक्यारा-डंडालगांव सुरंग का एक हिस्सा भरभराकर धंस गया। मलबा करीब 60 मीटर तक फैल गया और टनल से बाहर निकले का रास्ता ब्लॉक हो गया। अंदर काम कर रहे 41 मजदूर बाकी दुनिया से पूरी तरह कट गए।
अब 28 नवंबर 2023 की रात 8.38 बजे तक सभी 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है।
हादसे और रेस्क्यू के बीच के ये 17 दिन बहुत भारी थे। तमाम अड़चनें आईं। कुछ टेक्नीक से हल हुईं, कुछ जुगाड़ से। पढ़ें पूरी स्टोरी…