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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने नेवी और यूक्रेनी सीमा के पास तैनात सैनिकों को इस टेस्ट में शामिल होने को कहा।
यूक्रेन जंग के बीच रूसी सेना ने इस्कंदर और किंझल मिसाइलों के साथ टेक्टिकल न्यूक्लियर टेस्ट शुरू कर दिया है। रूसी रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार (21 मई) को बताया कि ये टेस्ट यूक्रेन के दक्षिणी सैन्य इलाके में हो रहे हैं। यह इलाका काफी बड़ा है। इसमें ठीक किस जगह टेस्ट किए जा रहे हैं यह रूस ने नहीं बताया है।
अलजजीरा के मुताबिक, रूस ने जंग के शुरुआती दिनों में इस इलाके पर कब्जा कर लिया था। इस टेस्टिंग में बेलारूस के भी शामिल होने की उम्मीद है। पिछले साल रूस ने ऐलान किया था कि वे बेलारूस में टेक्टिकल न्यूक्लियर वेपन तैनात करेगा।
रूस इस टेस्ट से पश्चिमी देशों की धमकियों का जवाब देने की कोशिश कर रहा है। पिछले महीने ही रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने अपनी सेना को परमाणु हथियारों की ड्रिल करने का आदेश दिया था। इसमें उन्होंने नेवी और यूक्रेनी सीमा के पास तैनात सैनिकों को भी शामिल होने को कहा था।
पुतिन ने कहा था कि परमाणु हथियारों की ड्रिल में वे सैनिक भी शामिल हों जो फिलहाल यूक्रेन में तैनात हैं। (फाइल)
पश्चिमी देशों ने यूक्रेन को सैन्य मदद देने को कहा था
रूस ये टेस्ट ऐसे समय में कर रहा है जब कुछ दिन पहले नाटो और पश्चिमी देशों ने यूक्रेन की मदद के लिए सेना भेजने की बात कही थी। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने पिछले महीने कहा था कि अगर यूक्रेन ने मदद मांगी तो वे अपने सैनिकों को वहां भेज सकते हैं।
ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड कैमरून ने भी कहा था कि यूक्रेन अगर चाहे तो वह रूस पर हमला करने के लिए ब्रिटिश हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है।
अमेरिका ने यूक्रेन को अप्रैल में ATACMS की 12 मिसाइलें दी थीं। इसकी रेंज 300 किलोमीटर है, यानी अगर जंग में इसका इस्तेमाल होता है तो यह रूस में 300 किलोमीटर अंदर तक अटैक कर सकती हैं।
इसके बाद पिछले हफ्ते ही अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने यूक्रेन का दौरा किया था। ब्लिंकन ने कहा था कि आज दुनिया का अधिकांश हिस्सा स्वतंत्र दुनिया के लिए लड़ रहा है।
तीसरे साल में रूस-यूक्रेन युद्ध
रूस और यूक्रेन का युद्ध फरवरी में तीसरे साल में पहुंच गया। यूक्रेन के हथियार और सैनिक दिन पर दिन कम होते जा रहे हैं। BBC की रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन-रूस जंग में अब तक 50 हजार से ज्यादा रूसी सैनिकों की मौत हुई है। वहीं यूक्रेन ने जंग के दूसरे साल में 27 हजार 300 रूसी सैनिकों को गंवाया है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि मरने वालों का आंकड़ा अनुमान से ज्यादा हो सकता है।
इससे पहले फरवरी में राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की भी यूक्रेनी सैनिकों की मौत का आंकड़ा बता चुके हैं। जेलेंस्की के मुताबिक युद्ध में अब तक सिर्फ 31 हजार यूक्रेनी सैनिकों ने जान गंवाई है। हालांकि अमेरिकी खुफिया जानकारी के मुताबिक यूक्रेन के 70 हजार से ज्यादा सैनिकों की मौत हुई है।
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